एक युवा लड़की को उसके सख्त पिता द्वारा दंडित किया जाता है, जो उसे मौखिक रूप से उस पर हावी होने के लिए मजबूर करता है। वह दया की भीख मांगती है, लेकिन वह निराश नहीं होती है। जब वह अपने पिता की मांगों को पूरा करती है, तो लड़की की बेताबी आनंद में बदल जाती है, जिससे एक कुशल मुख-मैथुन होता है।